बुधवार, 11 जून 2008

छत्तीसगढी सिनेमा .......ठहर सी क्यो गई है?

छत्तीसगढ़ का सिनेमा उद्योग मे इन दिनों कोई खास हलचल दिखायी नही दे रही,कुछ छोटे बैनर के वीडियो फ़िल्म और अन्य छोटे २ फ़िल्म रिलीज होते रहे किंतु आम जनता पर अपना प्रभाव छोड़ने मे असमर्थ रही ,छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद कुछ फिल्मो ने धमाकेदार इन्ट्री की थी किंतु अब लगता है इससे जुड़े कलाकारों का उत्साह फीका पड़ गया है,इसका कारण यह भी है की निर्माता दर्शको की नब्ज पकड़ने मे नाकामयाब रहे है,तथा हिन्दी फिल्मो की तरह फ़िल्म बना रहे,जिस तरह भिज्पुरी ओडिया मराठी फिल्मो ने अपनी जगह बनाईं है वैसे ही यहाँ भी सम्भव है किंतु इसके लिए लीक से हटकर फ़िल्म बनाई जानी चाहिए,फिल्मो वीडियो मे फूहड़ता को स्थान देकर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बदनाम करने के बजे कलात्मक ,एतिहासिक तथ्यों पर आधारित फ़िल्म बनाई जाए तो जरुर देशको का ध्यान आकृष्ट किया जा सकता है।

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