राजनादगाँव मे स्थापित त्रिवेणी संग्रहालय निश्चित रूप से प्रदेश देश मे अपनी तरह से एक नई पहल है,सुंदर मनोरम रानी सागर के तट पर प्राचीन महल प्रागण मे जो श्रध्देय पदुलाल पुन्ना लाल बक्शी जी की कर्म भूमि रही है ,पर स्थित यह संग्रहालय अवश्य एक दिन अपना ध्यान पुरे विश्व के साहित्यकारों अवम साहित्य प्रेमियों को दिलायेगी , हाल ही मे माननीय नामवर सिंह ने इस का अवलोकन कर इसकी प्रशसा की , जिससे निश्चित रूप से अन्य साहित्यकारों को प्रेरणा प्राप्त होगी एवं लोगो को साहित्य के प्रति अभिरुचि बढेगी,
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