शुक्रवार, 4 जुलाई 2008

1 टिप्पणी:

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

Aapne sahi likha hai- मामूली यातायात नियमो के उल्लघन के लिए अछे भले आदमी को अपराधी की तरह अदालतों के चक्कर लगाया जाता है और बड़े अपराधिक प्रकरण मे साक्ष्य के आभाव मे प्रकरण खारिज हो जाता है.
Isiliye har koi koi sochta hai pachdon se door hi raho.