बुधवार, 22 अक्तूबर 2008
कांग्रेस के मठाधीश: धृत राष्ट्र की राह पर
छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस टिकिट वितरण की परम्परा को देखते हुए यह नही लगता की यह पार्टी अब आम जनों की पार्टी है कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी भले ही गाँव गाँव घूम कर यह दिखाने को तत्पर हो की पार्टी अब भी गरीब दलित पिछडे लोगो के साथ है पर टिकिट वितरण मे जिस तरह से बाहुबली सफेदपोश शहरी चिकने चुपड़े चेहरों को तरजीह दी जा रही है वह काबीले गौर है सत्ता के गलियारों मे जो नेता चम्मच गिरी के सहारे ऊपर तक पहुच बना चुके है उन्होंने न जाने किस आधार पर टिकिट वितरण का पैमाना बनाया है यदि कोई पैमाना बनाये है तो वह धृत राष्ट्र के पुत्रो पर भी लागू होनी चाहिए ओउर उन बाहुबलियों पर जिन्होंने कांग्रेस की लुटिया डुबोने मे कोई कसर नही छोडी ,आज के दिन मे चाहे वह कांग्रेस हो या भाजपा कमोबेश सबकी हालत एक जैसी है ओउर अब वक्त आ गया है छत्तीसगढ़ मे तीसरी शक्ति के उदय होने का जो बहुजन की सुने ओउर उसके अनुसार चले ,जिस तरह से यु पी मे समाज वादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इनको बाहर का रास्ता दिखाकर आइना दिखाया है वह अब छत्तीसगढ़ मे भी दूर नही है पर यहाँ के लोगो को अब जागनी होगी जिस तरह से कांग्रेस धर्म निरपेक्षता के नाम से ओउर भाजपा हिंदू राष्ट्र वाद के नाम से राजनीतिक गोंटिया सेंक रहे वह अब बंद होनी चाहिए और इनको यह बताने का वक्त आ गया है की छत्तीसगढ़ मे सिर्फ़ रायपुर दुर्ग बिलासपुर ही नही है बल्कि हजारो गाँव भी है जन्हा से छत्तीसगढ़ की धरती आबाद होती है जन्हा पर छत्तीसगढ़ की धड़कन है
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
ek aam grahani hotey huey aap ko life mein aapney vichar pragat kerney ka samay mila jata hai. ya u kahey ki aap ko aapney se hat ke kucha kerney ka samay mila raha hai ye tarifey kabil hai. mein aap jaise grahaniyo se impress rahata hun.
एक टिप्पणी भेजें