शुक्रवार, 14 नवंबर 2008

बाल दिवस : शुभकामनाये नौनिहालों को

१४ नवम्बर की तिथि आयी हमारे देश के नन्हे मुन्ने बच्चे फिर से चाचा नेहरू को याद करते हुए आज का दिन बाल दिवस के रूप मे मनाएंगे.क्या लेकिन आजादी के इतने वर्षो के बाद भी देश के सभी बच्चे इस अवसर का लाभ उठा पाते है। आज भी गली कुछो मे बच्चे पोलीथिन एकत्र करते कूदो कर्कतो के ढेर पर दिख जायेंगे,क्यो हम उन्हें आज तक उनके अधिकार दिला नही पाये है। क्या सिर्फ़ बाल निरोधक कानून बना देने मात्र से ही उनकी समस्या का हमहो जाएगा .बच्चो को आख़िर क्यो कोई माँ बाप काम पर लगाने को मजबूर है। क्योकि आज भी हमारे देश मे भुखमरी के स्थिति है जन्हा दो जून के खाने के लाले है फिर यह बाल श्रम कानून क्या करेगा श्रम नही करगा तो क्या खायेगा ? इन सब बातो पर चिंतन न करके गुब्बारों फंसी ड्रेस प्रतियोगिताओ तक ही हम सीमित हो जाते है,

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